
जयपुर।
दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में नामांकन दाखिल कर ताल ठोकने वाले बागियों का खतरा कांग्रेस से ज़्यादा भाजपा खेमे में मंडरा रहा है। यही वजह है कि बागियों को लेकर भाजपा की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 13 अक्टूबर तक नामांकन वापसी की अंतिम तारीख से पहले बागियों को मनाने में प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया समेत कई वरिष्ठ नेता सक्रीय हो गए हैं। पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि वो अपन ही कुनबे के ज़्यादा से ज़्यादा रूठों को मनाने में सफल हो जाएगी। हालांकि अगर बागी नहीं मानें तो पार्टी को दोनों सीटों पर भारी नुकसान होने का भी अंदेशा है।
दिवंगत विधायक पुत्र को मनाने की चुनौती
धरियावद विधानसभा सीट पर दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैया लाल मीणा ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर भाजपा खेमे में खलबली मचा रखी है। दिवंगत विधायक पुत्र होने के अलावा खुद कन्हैया मीणा भी क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं। वे दो बार प्रधान रह चुके हैं जबकि उनकी पत्नी वर्तमान में प्रधान है। सबसे बड़ी बात ये भी है कि पिता के निधन के बाद उन्हें सहानुभूति वोट मिलने की संभावनाएं बढ़ी हुई हैं, यही वजह है कि भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को कांग्रेस से भी ज्यादा खतरा बागी हुए कन्हैया मीणा से है।
इस बीच भाजपा के प्रमुख नेता कन्हैया को मनाने और नामांकन वापसी की जद्दोजहद में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार कन्हैया को पार्टी के पक्ष में नामांकन वापसी के लिए खुद पूनियां भी उनसे संपर्क साध सकते हैं। पूनिया के अलावा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक जोगेश्वर गर्ग, अमृत लाल मीणा, चंद्रभान सिंह आक्या, पूर्व विधायक नानालाल अहारी जैसे नेता भी कन्हैया को मनाने में जुटे हुए हैं।
वल्लभनगर में 'दोहरी' परेशानी
वल्लभनगर में भाजपा के लिए एक नहीं, बल्कि दो बगावती नेताओं ने पसीने छुड़वाए हुए हैं। पूर्व में भाजपा से विधायक रहे रणधीर भींडर ने जनता सेना से एक बार फिर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है, जबकि टिकट के प्रबल दावेदार और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे उदय लाल डांगी ने भी आरएलपी से नाता जोड़कर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।
डांगी 2018 के चुनाव में 42 हजार वोट प्राप्त कर चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया को डांगी को मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। डांगी को कटारिया की टिकट देने के पक्ष में थे। कटारिया के अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सांसद सीपी जोशी, दीया कुमारी, सुरेश रावत और फूलचंद मीणा भी उदय लाल डांगी को मनाने में जुटे हैं। हालांकि आरएलपी का सिम्बल मिलने से उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
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