
जयपुर. प्रदेश में आगामी गर्मियों में आने वाले पेयजल संकट के समाधान के लिए जलदाय विभाग ने सोमवार को सभी जिला कलक्टरों के लिए कंटीजेंसी प्लान के तहत 50-50 लाख रुपए की राशि की वित्तीय स्वीकृति जारी की है। उधर प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने उच्च स्तर पर की गई समीक्षा में माना कि गर्मियों में पानी की उपलब्धता संतोषजनक रहेगी। फिर भी गर्मियों में पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों सहित अन्य जिलों में पानी की सम्भावित अतिरिक्त मांग को देखते हुए कंटीजेंसी प्लान के तहत ये व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
उधर विभाग के आला अधिकारी दबी जुबां में कह रहे हैं कि हर साल कंटीजेंसी प्लान के तहत कलक्टरों को राशि जारी करने से कलक्टर और जलदाय विभाग के इंजीनियर्स पेयजल समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि जब पेयजल संकट आता है तो कुछ दिनों तक काम चलाऊ व्यवस्था के तहत टैंकरों से व्यवस्था कर दी जाती है और फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि कलक्टर स्वीकृत राशि से तत्काल पंप या मोटर बदलने, किसी टयूबवैल के खराब होने या फेल होने, जल स्रोत के निर्माण, पुरानी पाइप लाइन की मरम्मत, बिजली उपकरणों को बदल सकेंगे। जिससे आमजन को गर्मियों में पानी के लिए परेशान नहीं होना पडे़। इसी तरह नहरबंदी वाले जिलों में कम गहराई वाले बोरवेल निर्माण, प्रभावित क्षेत्रों में जल परिवहन, निजी स्रोतों को किराए पर लेने, कैनाल एरिया में वाटर पोंडिंग, कॉफर डैम निर्माण, नए स्टोरेज एवं वाटर लिफ्टिंग व्यवस्था जैसे कार्य कराए जा सकेंगे। वहीं अकाल ग्रस्त जिलों में पेयजल व्यवस्था के लिए पहले ही राज्य सरकार 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि स्वीकृत कर चुकी है।
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