
जयपुर। यूरिया खाद की मारामारी इस कदर हो चुकी है कि अंचल में डेढ़ माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी किसान परिवारों को यूरिया खाद नहीं मिल पाया। यूरिया खाद पर निर्भर फसलें पीली होने लगी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार क्रय विक्रय सहकारी समिति अचरोल की ओर से 25दिसंबर को 145 यूरिया बैग वितरित किए गए। 25 दिसंबर को भी कुछ किसानों को यूरिया खाद के बैग मिले। यूरिया खाद बैग खत्म होने पर खाद लेने आए सैकड़ों की संख्या में किसान लोग घरों को निराश होकर लौट गए।किसान परिवार पिछले45दिन से क्रय विक्रय समिति के यूरिया लेने के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है।
विनती करने को मजबूर किसान
कर्मचारियों से यूरिया खाद के लिए किसान लोग विनती करने को मजबूर है। यूरिया खाद उपलब्ध नहीं होने से अब किसानों को मायूसी होने लगी है। बाजार की दुकानों पर धड़ल्ले से यूरिया महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। क्रय विक्रय समिति कर्मचारियों के पास किसान लोग यूरिया खाद लेने पहुंचते हैं तो एक ही जवाब मिलता है अभी तो यूरिया खाद आने में समय लगेगा।यूरिया खाद की कमी से बोई गई फसल अब पीली होने लगी।किसानों ने बताया कि फसल में कोरवान के साथ यूरिया खाद दिया जाता है।यूरिया खाद से फसल की उन्नत ग्रोथ करने ,फसलअच्छी बनाने,फसल में से निकलने वाली बालीया भी बढीया दानेदार बनती है।
बाजारों में उपलब्ध यूरिया
यूरिया नहीं देने से फसलें पीली व कमजोर नजर आने लगी है। बाजार में उपलब्धता पर सवाल किसानों ने बताया कि जब क्रय विक्रय समिति पर यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रहा वहीं अन्य समितियों पर कई बार यूरिया खाद वितरित किया गया। बाजार में स्थिति खाद बीज दुकानों पर यूरिया उपलब्ध होना प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल खड़े करता है।बाजार में दुकानदारों द्वारा मनचाहे दामों पर किसान को यूरिया खाद बेचा जा रहा है। बाजार से यूरिया खरीदने पर किसान लोगों को आर्थिक नुक्सान होना पीड़ा दायक है।
यूरिया से ग्रोथ अच्छी
किसान कानाराम,पप्पू राम, रोहित कुमार व हनुमान सहाय ने बताया कि फसल तैयार करने में गोबर खाद प्रयोग लिया जाता है। यूरिया खाद से फसल अच्छी ग्रोथ कर अच्छा मुनाफा देती है।सीमित मात्रा में फसलों में खाद डाला जाता है जो कि नुकसान भी नहीं देता है।जिन फसलों में यूरिया खाद डाला गया वह फसल लहरा रही है वहीं जिन फसलों में इस अभी तक यूरिया नहीं डाला गया वह फल फसल पीली हो चुकी है।इस फसल में समय पर मावठ होने से अच्छी फसल की उम्मीद जगी थी लेकिन अब निराश है। किसानों ने बताया कि समय पर फसलों में यूरिया डाल दिया जाता तो मावठ के साथ यूरिया खाद सोने पर सुहागा होता।
बार-बार अवगत करवाकर यूरिया खाद की मांग की जा रही है। लेकिन आपूर्ति नहीं हो पाई आपूर्ति होने पर वितरण किया जाएगा
- विष्णु शर्मा लिपिक क्रय विक्रय सहकारी समिति अचरोल
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