
वीरेन्द्र नारायण पुरोहित
श्रीकोलायत. महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विस्थापितों के नाम से भूमि आवंटन में अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उपखण्ड क्षेत्र में मृतक व्यक्ति के नाम से आवंटन कर दिया गया। मृतक की पत्नी की ओर से आवंटित भूमि को उसके पति के स्थान पर वारिस के नाम में संशोधन करने की अपील की गई। इसके बाद आवंटन अधिकारी ने आनन-फानन में उक्त भूमि आंवटन निरस्त करने की आदेश जारी किए तो मामला सामने आया है।
गौरतलब है कि श्रीकोलायत उपखण्ड क्षेत्र में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए 26 विस्थापितों को भूमि का आवंटन किया गया है। इसमें से एक आवंटन कालूराम पुत्र मंशाराम भोपा विस्थापित ग्राम दूदेरिया के खसरा नम्बर 199-35 में 50 बीघा भूमि महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अवाप्त कर इसके एवज में राजस्व तहसील कोलायत के ग्राम समोरखी के खसरा नम्बर 120 में 47 बीघा भूमि आवंटित की गई। हालांकि कालूराम पुत्र मंशाराम भोपा की मृत्यु होने पर उसके वारिस पत्नी अनारकली, पुत्र महेन्द्र कुमार, विसवाराम, धर्मवीर, लालचन्द, , मनोज कुमार, पुत्री मूर्ति देवी, निर्मला देवी व मन्जू देवी के नाम से आवंटन आदेश 31 दिसम्बर 2021 को जारी किए गए थे।
ध्यान रहे कि आवंटन आदेश में महेन्द्र कुमार पुत्र कालूराम का नाम शामिल किया गया था। उसके नाम से आवंटन करने के लिए मांग पत्र 20 दिसम्बर 2021 को प्रस्तुत किया गया। जबकि आवंटन में शामिल महेन्द्र कुमार की मृत्यु 29 सितम्बर 2014 हो गई थी। इस पर मृतक की पत्नी भागली देवी ने आवंटन अधिकारी को पत्र लिखकर उक्त आवंटन में से महेन्द्र कुमार का हिस्सा उसके तथा पुत्र राकेश कुमार, राजू, बबलू, पुत्री जमना आदि वारिसों के नाम संसोधन आदेश जारी करने को लेकर अतिरिक्त आयुक्त उपनिवेशन को 22 अप्रेल 2022 में पत्र लिखा गया है। इस पर आयुक्त उपनिवेशन बीकानेर ने नाम संसोधन करने के स्थान पर उक्त भूमि के आवंटन को 26 अप्रेल 2022 को निरस्त के आदेश जारी कर दिए।
अतिरिक्त आयुक्त के समक्ष कैसे पेश हुआ मृतक!
विस्थापितों के पुनर्वास के लिए आवंटन से पूर्व आयुक्त उपनिवेशन बीकानेर द्वारा अनारकली पत्नी कालूराम वार्ड नम्बर 2 बालाजी धाम के पास पदमपुर श्रीगंगानगर के नाम से अवाप्त भूमि की एवज में अन्य भूमि आवंटन करने विकल्प पेश करने के आदेश जारी किए गए। आदेश में सभी को प्रमाणित दस्तावेजों के साथ व्यक्तिश: उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए। जब आवेदन करने वालों में महेन्द्र कुमार की मृत्यु वर्ष 2014 में ही हो गई तो आयुक्त उपनिवेशन के समक्ष उसके स्थान पर किसे प्रस्तुत किया गया। इससे प्रतीत होता है कि सात साल पूर्व मृत व्यक्ति को फर्जी तौर पर अतिरिक्त आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत कर हिस्सा लिया गया।
पहले आवंटन, फिर किया निरस्तीकरण
आयुक्त उपनिवेशन बीकानेर की ओर से विस्थापितों के पुनर्वास के लेकर समोरखी गांव में अनारकली पत्नी कालूराम भोपा सहित नौ वारिसों के नाम से भूमि आवंटन की गई। अब आवंटित भूमि का बेचान करने के दौरान आवंटन में कालूराम के मृतक पुत्र महेन्द्र कुमार के नाम से आवंटन है जिससे भूमि का बेचान नहीं होने के कारण उसकी पत्नी भागली ने आवंटन भूमि में वारिस संशोधन का दावा प्रस्तुत करने पर अधिकारियों द्वारा किए गए गलत आवंटन के उजागर होने के रोकने के लिए आवंटन अधिकारी ने चार दिवस में उक्त आवंटन को निरस्त करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
नियमों का उल्लंघन
भूमि आवंटन आदेश के नियमानुयार किसी भी व्यक्ति को आवंटन करने से पूर्व आवेदनकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज की पुष्टि के लिए आवंटन अधिकारी के समक्ष प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं पेश होना होता है लेकिन उक्त आवंटन में अधिकारियों ने आवेदनकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए दस्तावेज के आधार पर ही आवंटन आदेश जारी कर दिए।
इनका कहना है
भूमि आवंटन में बडी संख्या में आवंटन प्राप्त हुए है। उनका व्यक्तिश: वेरिफिकेशन करना संभव नहीं है। आवंटन में आवेदनकर्ता के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर ही आवंटन कर दिए गए। बाद में त्रुटि का पता चलने पर आवंटन निरस्त के आदेश जारी कर दिए।
रामरतन सोकरिया, अतिरिक्त उपनिवेशन आयुक्त, बीकानेर
राजनैतिक दबाव के कारण अधिकारियों द्वारा महाजन फील्ड फायङ्क्षरग रेंज के विस्थापितों को व्यक्तिश: भौतिक सत्यापन नहीं करना नियमों के विरुद्ध है। नियमों के विरुद्ध कार्य करने वालों के खिलाफ उच्च न्यायालय का सहारा लिया जाएगा।
दलीपसिंह, सामाजिक कार्यकर्ता, श्रीकोलायत
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