हार्ट अटैक के गंभीर मरीजों की हालत बताएगा भारतीय मॉडल

नई दिल्ली. दिल के दौरे के बाद किस मरीज की हालत ज्यादा गंभीर है, अब भारतीय मॉडल से इसका पता चल सकेगा। आइआइटी दिल्ली और जीबी पंत अस्पताल ने यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल विकसित किया है। इसके आधार पर यह भी पता लगाया जा सकेगा कि दिल के दौरे के बाद मरीज कितने दिन जिंदा रहेगा। इससे उन मरीजों पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकेगा, जिनके बचने की संभावना कम होगी।
इस बारे में अध्ययन को इंटरनेशनल जरनल ऑफ कार्डियोलॉजी के हालिया संस्करण में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहित गुप्ता ने बताया कि देश में दिल के मरीजों में अब तक हाई रिस्क या लो रिस्क का पता लगाने के लिए अमरीकी स्कोर का इस्तेमाल किया जाता था, जिसकी स्टडी भारतीय लोगों पर नहीं हुई थी। करीब चार हजार भारतीय मरीजों पर स्टडी कर स्वदेशी स्कोर डेवलप किया गया। अमरीकी तरीका पारंपरिक था, लेकिन भारतीय शोधकर्ताओं ने नए तरीके से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर यह ऑनलाइन कैलकुलेटर बनाया है। देश में हर साल औसतन 13 से 14 लाख लोग दिल के दौरे का शिकार होते हैं। इसमें से 8 से 9 फीसदी की मौत हो जाती है। अस्पतालों पर इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का दबाव होने से पता नहीं चलता कि किसकी हालत ज्यादा गंभीर है।

गंजापन गंभीर संकेतों में से एक
शोधकर्ताओं का कहना है कि गंजापन हृदय रोग के जोखिम का कारक हो सकता है, विशेष रूप से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में। हाई कोलेस्ट्रॉल और गंजापन वाले पुरुषों में सिर्फ हाई कोलेस्ट्रॉल वाले पुरुषों के मुकाबले हृदय रोग का जोखिम लगभग तीन गुना बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल पलकों के चारों ओर पीलापन पैदा कर सकता है। यह रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकता है।

जीने-मरने की वजह भी बताएगा
डॉ. मोहित का कहना है, सिर्फ एक मिनट में यह कैलकुलेटर बता देगा कि कौन-सा मरीज ज्यादा दिन जिंदा रहेगा। इससे यह भी पता चलेगा कि किस मरीज की गंभीर हालत की वजह कौन-सा पैरामीटर है और जो बच रहा है, वह किस पैरामीटर की वजह से बच रहा है।



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