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{} हर साल 30 जुलाई को ‘विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी जैसे अमानवीय अपराध को उजागर करना, पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना और इस अपराध के खिलाफ जनजागृति फैलाना है। हालांकि कई प्रयासों के बावजूद भारत में यह गंभीर सामाजिक समस्या आज भी जारी है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इसमें बड़ी संख्या में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी शिकार बन रहे हैं।हर साल 30 जुलाई को ‘विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी जैसे अमानवीय अपराध को उजागर करना, पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना और इस अपराध के खिलाफ जनजागृति फैलाना है। हालांकि कई प्रयासों के बावजूद भारत में यह गंभीर सामाजिक समस्या आज भी जारी है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इसमें बड़ी संख्या में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी शिकार बन रहे हैं।2025-07-30T06:13:13.000Z fromमानव तस्करी का नया गढ़ बना राजस्थान! 5 साल में 2711 चाइल्ड ट्रैफिकिंग केस, विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस पर खुली भयावह तस्वीर
हर साल 30 जुलाई को ‘विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव तस्करी जैसे अमानवीय अपराध को उजागर करना, पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना और इस अपराध के खिलाफ जनजागृति फैलाना है। हालांकि कई प्रयासों के बावजूद भारत में यह गंभीर सामाजिक समस्या आज भी जारी है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इसमें बड़ी संख्या में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी शिकार बन रहे हैं।
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